हरियाणा कांग्रेस की अहम बैठक खत्म, सीएम चेहरे पर अंतिम फैसला करेगा हाईकमान; पढ़े समीकरण

चंडीगढ़ | हरियाणा कांग्रेस की अहम बैठक पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया की अध्यक्षता में चल रही है. आज चंडीगढ़ में इस बैठक का दूसरा दिन है. पहले दिन बाबरिया ने सभी विधायकों और नेताओं से वन टू वन चर्चा की. इस दौरान बाबरिया ने हरियाणा कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर भी स्थिति साफ की. बीजेपी की रणनीति के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी किस रणनीति से भूपेन्द्र हुड्डा पर निशाना साध रही है, मुझे नहीं पता. शायद उन्हें लगता है कि हुड्डा ही कांग्रेस का चेहरा हैं लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान करेगा.

Haryana Congress Party

पहले दिन हुआ हंगामा

बता दें कि पहले दिन नए प्रभारी के सामने जमकर हंगामा हुआ. पार्टी नेता एक- दूसरे के खिलाफ नारे लगाते दिखे. इस दौरान पार्टी की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा बैठक बीच में ही छोड़कर चली गईं. उनके नाम पर समर्थकों द्वारा भावी सीएम के नारे भी लगाये. हालांकि, कुमारी शैलजा ने कहा कि यहां सभी नेता सीएम हैं. यह कोई बड़ी बात नहीं है. उन्होंने बताया कि उनका प्रोग्राम पहले से तय है, कुछ जरूरी काम है इसलिए जाना होगा.

बैठक में नारेबाजी करना गलत

बैठक के बाद कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने नारेबाजी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मैं नारेबाजी को ज्यादा महत्व नहीं देता, नेताओं के समर्थक ऐसा करते रहते हैं लेकिन बैठक में नारे लगाना गलत है. पार्टी की एकता बनाए रखना बहुत जरूरी है. साथ ही, छोटी- छोटी बातों पर मीडिया के पास जाना भी ठीक नहीं है. एक- दूसरे पर बयानबाजी को लेकर कार्रवाई की जाएगी. आगे उन्होंने कहा कि संगठन बनाना जमीनी स्तर तक कनेक्टिविटी बनाने जैसा है और पार्टी के सभी नेता राज्य में बदलाव लाने पर सहमत हैं. पार्टी के आदेश का पालन करना होगा.

आज हरियाणा दौरे का है आखिरी दिन

बाबरिया ने नई जिम्मेदारी मिलते ही अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. गुजरात के राजनीतिक मामलों को निपटाने के बाद दीपक बाबरिया ने हरियाणा के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद बाबरिया ने दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुडडा से मुलाकात की है. वह दो दिनों के लिए हरियाणा दौरे पर पहुंचे हैं, जहां वह सभी पदाधिकारियों से वन टू वन मुलाकात कर रहे हैं.

बाबरिया राहुल के हैं करीबी

बता दें कि बाबरिया की गिनती कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबियों में होती है. पार्टी को एकजुट करना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 10 साल में हरियाणा कांग्रेस को आधा दर्जन से ज्यादा प्रभारी मिले लेकिन कोई भी लंबे समय तक काम नहीं कर पाया और न ही संगठन खड़ा कर पाया. कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबाजी और खींचतान इसकी वजह है.

दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस चार गुटों में बंटी हुई है. सबसे मजबूत और प्रभावशाली गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का है. जिनके साथ ज्यादातर विधायक हर वक्त खड़े नजर आते हैं. विपक्ष के सामने और जनसभाओं के जरिए हुड्डा ने प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.

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