हरियाणा की राजनीति में हो सकता है बड़ा धमाका, चौटाला परिवार की एकजुटता के नजर आए संकेत

चंडीगढ़ | दुश्मनी लाख सही, खत्म ना कीजे रिश्ता… दिल मिले ना मिले, हाथ मिलाते रहिये..! मशहूर शायर निदा फाजली की यह पंक्तियां चौधरी देवीलाल के परिवार के उन सदस्यों पर फिट बैठती है जो लंबी राजनीतिक खींचतान के बाद एक तो होना चाहते हैं लेकिन दोस्ती का हाथ पहले कौन आगे बढ़ाएं, इस बात को लेकर फिर से पीछे हट जाते हैं. हरियाणा की राजनीति में मौजूदा हालात पर नजर डालें तो चौटाला परिवार के राजनीतिक तौर पर एक साथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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आज ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी INLD को जननायक जनता पार्टी के साथ की जरूरत है तो वहीं दुष्यंत चौटाला की JJP पार्टी की नैया भी इनेलो के बिना पार होना मुश्किल नजर आ रही है. चौटाला परिवार के राजनीतिक तौर से एक मंच पर आने की बात से भी आगे बढ़े तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी मन ही मन यहीं चाहती है कि दोनों पार्टियों में एकजुटता हो ताकि इनेलो व जजपा के वोटरों में बिखराव का फायदा कांग्रेस पार्टी न उठा सके.

बीजेपी की सोच है कि 2024 के चुनावों में इनेलो- जजपा की संभावित एकजुटता कही न कही समर्थन के रुप में उनके काम आ सकती है. इसलिए ओमप्रकाश चौटाला के साथी रहे कुछ बीजेपी नेता अजय और अभय चौटाला के परिवार को राजनीतिक तौर पर एक साथ लाने की कोशिशें कर रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि इस राजनीतिक एकजुटता का फायदा सिर्फ बीजेपी को ही मिलेगा. जजपा व इनेलो भी इस एकजुटता का फायदा उठाकर राजनीतिक समीकरण अपने पक्ष में कर सकते हैं.

राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि इनेलो व जजपा 2024 के चुनावी रण में अलग- अलग उतरते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रह जाएगी. यदि दोनों राजनीतिक तौर पर एक साथ चुनावी रण में उतरते हैं तो निश्चित तौर पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा और वह वोट बैंक पूरी तरह से बंट जाएगा, जिस पर इनेलो व जजपा के साथ कांग्रेस पार्टी भी अपना दावा करती है.

भारतीय जनता पार्टी भी इसी रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है कि जजपा व इनेलो को राजनीतिक तौर पर एक साथ लाकर उन्हें अपने साथ जोड़ा जाएं और लगातार तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाई जाएं. बीजेपी ये कतई नहीं चाहेगी कि इनेलो व जजपा की फूट का फायदा कांग्रेस पार्टी उठाएं. इसलिए कांग्रेस भी हरसंभव कोशिश करेगी कि चौटाला परिवार अलग- अलग चुनावी रण में उतरे.

चौटाला परिवार के एक होने की वजह

1. जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि आज तक ओमप्रकाश चौटाला से बढ़िया मुख्यमंत्री और शासक कोई नहीं रहा है. उनके राज में अफसरशाही पर सरकार का कंट्रोल था लेकिन आज अफसरशाही बेलगाम हो गई है. आमजन की पसंद के रूप में ओमप्रकाश चौटाला आज भी सबसे उपर है. वह हमारे प्रेरणास्रोत और आदर्श है.

2. आईएनएलडी के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा कि 25 सितंबर को फतेहाबाद में ताऊ देवीलाल का जन्मदिवस मनाया जाएगा जिसमें तीसरे मोर्चे के सभी नेता ताऊ देवीलाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचेगें. साथ ही, उन्होंने कहा था कि यदि जेजेपी वाले सार्वजनिक तौर पर माफी मांगकर अपने पापों का प्रायश्चित करें तो उनके साथ गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है.

3. इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने भी कहा है कि तीसरे मोर्चे के गठन के लिए समान विचारधारा वाले सभी दलों को एकजुट होकर एक मंच पर आना होगा.

4. चौटाला परिवार के करीबियों का कहना है कि यदि अजय चौटाला एकजुटता की कोशिशें करें तो बात बन सकती है वरना पहले आप- पहले आप में मामला ऐसे ही लटकता रहेगा.

5. बाढ़डा से जेजेपी की विधायक नैना चौटाला का भी एक बयान सामने आया है कि राजनीति में कब दुश्मन दोस्त बन जाएं, कहा नहीं जा सकता है. राजनीति में हर तरह की संभावनाएं मौजूद हैं.

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