रोहतक के प्रमोद ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर बढ़ाया परिवार का गौरव, 23 साल पहले शहीद हुए थे पिता

रोहतक | कहते हैं एक औलाद के लिए अपने माता- पिता के सपने को पूरा करना सबसे बड़ी खुशी होती है. रोहतक जिले के गांव भालोठ निवासी 23 वर्षीय विनोद ने कुछ ऐसा ही विशेष कर दिखाया है, जिन्होंने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया है. उनके पिता 23 साल पहले शहीद हुए थे लेकिन अब उन्होंने सेना में इतने बड़े पद पर आसीन होकर परिवार का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है.

Vinod Rohtak

बेटे के लेफ्टिनेंट बनने की खुशी में भावुक हुई माता सोना देवी ने बताया कि पति लांस नायक रामधारी अत्री 12 सितंबर 2000 को दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. ऐसे में उस समय दोनों छोटे बेटों के पालन- पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी.

उन्होंने बताया कि शनिवार को छोटा बेटा सेना में लेफ्टिनेंट बना और उसके कंधों पर जड़े सितारों की चमक में संघर्ष के दिन और सारा दर्द काफूर हो गया. बेटे ने 23 साल की उम्र में सेना में अफसर बनकर उम्मीदों को पूरा कर दिखाया है. पूरे परिवार को बेटे की इस कामयाबी पर नाज है.

सोना देवी ने बताया कि उन मुश्किल परिस्थितियों से जूझते हुए अपने दोनों बेटों को मां के साथ बाप का भी प्यार दिया और आज फक्र महसूस कर रही हूं कि दो सैनिक बेटों की मां हूं. बड़ा बेटा प्रमोद एयरफोर्स व छोटा सेना में है. उन्होंने बताया कि विनोद पहले सिपाही पद पर भर्ती हुआ था लेकिन उसने सेना में अधिकारी बनने के लिए मेहनत जारी रखी और पढ़ाई कर लेफ्टिनेंट बना.

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