Haryana Budget 2022: सीएम खट्टर बजट में ले सकते हैं ये फैसले, विपक्ष के ये मुद्दें रहेंगे हावी

चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 22 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में 8 मार्च को 2022-23 का राज्य का बजट पेश करेंगे. यह सीएम खट्टर का तीसरा बजट होगा. इस बार बजट 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंचने की संभावना है. कहा जा रहा है कि इस बार हरियाणा का बजट गरीबों पर केंद्रित हो सकता है तो खट्टर सरकार के सामने किसान मुद्दों पर कई चुनौतियां होंगी. जिस पर विपक्ष से भी टकराव की स्थिति बन सकती है.इसके साथ ही सरकार अनियमित कॉलोनियों को नियमित कर सकती है.

Monsoon Session Haryana

बजट में राहत की उम्मीद

इस बजट से लोगों को काफी राहत की उम्मीद है. खासकर बिजनेस क्लास.यह वर्ग जहां सरकार से विशेष राहत पैकेज की उम्मीद कर रहा है, वहीं जीएसटी के नियमों में सरलीकरण की भी मांग की जा रही है. फल-सब्जियों को बाजार शुल्क से मुक्त करने की मांग की जा रही है.इसके साथ ही सरकार अनियमित कॉलोनियों के लोगों को तोहफा दे सकती है. सरकार इन्हें रेगुलेट कर सकती है.राज्य सरकार इस बार बजट में अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के साथ ही बड़े गांवों में भी शहरों की तर्ज पर सुविधाएं देने का ऐलान कर सकती है.

1250 अनियमित कॉलोनियां होंगी नियमित

राज्य सरकार इस बार बजट में करीब 1250 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के साथ ही बड़े गांवों में भी शहरों की तर्ज पर सुविधाएं देने का ऐलान कर सकती है. बजट सत्र की तारीख तय करने के लिए 8 फरवरी को हरियाणा कैबिनेट की बैठक होने जा रही है, जबकि बजट सत्र की अवधि विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय की जाएगी.

किसान मुद्दे पर घेरेगा विपक्ष

बजट सत्र में किसानों पर तीन कृषि कानूनों का विरोध करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और इनेलो विधायक सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे. भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव का भी विरोध होगा.साथ ही प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुई क्षति का मुआवजा मिलने में देरी का मुद्दा भी सदन में उठाया जाएगा. हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों के खिलाफ दर्ज आधे से अधिक मामले वापस ले लिए गए हैं और जटिल मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया जारी है. लेकिन ये मुद्दे खट्टर सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं.

ये मुद्दे भी रहेंगे हावी

बजट सत्र के दौरान वृद्धावस्था पेंशन काटने पर भी बवाल हो सकता है. कांग्रेस ने हजारों लोगों की वृद्धावस्था पेंशन बंद करने, उन्हें समय पर भुगतान न करने, कानून व्यवस्था की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती स्थिति, शिक्षकों की कमी, नौकरियों में कथित भ्रष्टाचार, रोजगार गारंटी अधिनियम 15 में अधिवास अवधि की आलोचना की है.पांच साल करने की बजाय करीब दो दर्जन मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है. अब देखना होगा कि बजट में विपक्ष और सरकार में किस तरह की नोकझोंक देखने को मिलती है यह बजट बहुत ही खास होने वाला है.

बजट सत्र कार्यक्रम

2 मार्च को बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का अभिभाषण.3 और 4 मार्च को बजट सत्र पर चर्चा होगी और उसी दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देंगे. 6 और 7 मार्च को शनिवार और रविवार की छुट्टी है.ऐसे में 8 मार्च को हरियाणा का बजट पेश किया जाएगा. बजट पेश करने के बाद इस बार हरियाणा सरकार संसद की तर्ज पर प्रक्रिया शुरू करेगी. रेजेज 9 से 11 मार्च तक रहेगा.शनिवार 12 मार्च और रविवार 13 को अवकाश रहेगा.14 मार्च को बजट पर चर्चा के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होगी. 21 मार्च को मुख्यमंत्री विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देंगे और उसी दिन बजट पारित किया जाएगा.

इतने का होगा बजट

वित्त मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल मार्च में अपना तीसरा बजट पेश करेंगे. इस बार बजट 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंचने की संभावना है. जिन विभागों ने अभी तक अपना पूरा बजट खर्च नहीं किया है, उन्हें टीवीएसएन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग द्वारा बजट का उचित और त्वरित उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.

दरअसल, कोरोना काल में सभी विभागों के वित्त अनुमान फेल हो गए थे. उदाहरण के लिए, जिस परियोजना पर शुरू में 100 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव था, उस पर 1.25 अरब रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. इसलिए विधानसभा के मानसून सत्र में पूरक मांगों के तहत बड़ी राशि स्वीकृत की गई है. कुछ विभाग ऐसे हैं जिनका खर्च अभी बाकी है.

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