हरियाणा रोडवेज के गले की फांस बना कोरोना, पहले से ही थी आर्थिक तंगी अब नहीं मिल रही सवारिया

चंडीगढ़ । पिछले साल कोविड-19 और इसके बाद में किसान आंदोलन के कारण हरियाणा रोडवेज को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जिसकी वजह से एक बार फिर हरियाणा रोडवेज की आर्थिक तौर पर हालत खराब नजर आने लगी है. बड़ी संख्या में बसें खड़ी हो जाने के कारण विभाग के सामने कई तरह की चुनौतियां है. वहीं दूसरी तरफ इस माहौल में सचालको, परिचालकों की सुरक्षा और कोरोना से बचाव का भी ध्यान विभाग को रखना पड़ता है. जिसकी वजह से खर्च बढ़ता जा रहा है.

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हरियाणा रोडवेज को नहीं मिल रही सवारिया

हरियाणा सरकार के परिवहन मंत्री बुधवार को एक बैठक करने वाले थे,  कोविड-19  के हालात को देखते हुए फिलहाल इसे माहौल सामान्य होने तक टाल दिया गया है. प्रदेश के परिवहन और खंड मंत्री मूलचंद शर्मा खुद मानते हैं कि कोविड-19 व कर्फ्यू के चलते परिवहन विभाग को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान उठाना पड़ा है. जब चीजें धीरे-धीरे सामान्य हुई, तो किसान आंदोलन की शुरुआत हो गई.

जिसकी वजह से दिल्ली की ओर जा रही अधिकांश बसों को खड़ा करना पड़ा. हरियाणा रोडवेज के सामने एक बार फिर से आर्थिक चुनौती पैदा हो गई है. इसी बीच रोडवेज संगठनों की ओर से दूसरी लहर में बने हालातों के बीच चालक, परिचालक भी सभी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं.  कोविड-19 के दौरान हरियाणा रोडवेज की बसों का पहिया थमने के बाद व किसान आंदोलन के कारण पहले से ही 500 से अधिक बसें  खड़ी है.

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