Budget 2023: अलग स्टार्टअप कोष से निखरेगा हरियाणा का किसान, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

चंडीगढ़ | केन्द्र की मोदी सरकार ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया है. खेती का विकास तथा कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि कोष का गठन किया गया है. नई तकनीकों का प्रयोग कर आधुनिक कृषि में देश को राह दिखा रहे हरियाणा का केंद्रीय पूल में खाद्यान्न मामले में 15 प्रतिशत से अधिक का योगदान है.

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बजट विश्लेषकों का मानना है कि कृषि कोष के अलग गठन से हरियाणा में खेती की हालत सुधरेगी और प्रदेश को इसका लाभ पहुंचेगा. स्टार्टअप के जरिए किसान अपने उत्पाद खुद बेचेंगे तो न केवल उन्हें बल्कि उपभोक्ताओं को भी फायदा पहुंचेगा.

इसके अलावा, बजट में खेती के लिए जो बड़ी घोषणाएं की गई है. उनमें अगले तीन साल तक एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में मदद दी जाएगी. साथ ही, 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर बनाने की घोषणा हुई है. इन घोषणाओं से भी हरियाणा के किसानों को काफी हद तक लाभ मिलेगा.

बाजार और किसान- उपभोक्ता को लाभ

कृषि वैज्ञानिक डॉ. रमेश वर्मा ने बताया कि कृषि में सबसे बड़ी समस्या मार्केटिंग की रहती है. स्टार्टअप में यदि किसानों को बाजार का रास्ता मिलेगा तो किसानों को कई गुना फायदा पहुंचेगा. इसके अलावा, उपभोक्ताओं को कम दाम पर कृषि उत्पाद मिल सकेगा. FPO इसी योजना का उदाहरण है और इस योजना से हरियाणा के किसानों को मुख्य रूप से लाभ मिलेगा.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के चलते सबसे ज्यादा आधुनिक खेती हरियाणा में ही की जाती है और सबसे ज्यादा प्रगतिशील किसान पुरस्कार हरियाणा के ही नाम है. ऐसे में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की घोषणा होने से न केवल किसानों बल्कि युवाओं को भी इसका लाभ मिलेगा. ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे एक किसान का कहना है कि सरकार की इस घोषणा से परम्परागत खेती से किसान पीछे हटेंगे और आधुनिक तकनीक से खेती करने का दौर जारी होगा.

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