टोल प्लाजा खुलने पर महंगा होगा टोल टैक्स, जानिए सफर पर कितना पड़ेगा इसका असर

चंडीगढ़ | टोल प्लाजा की नई दरें 1 सितंबर में लागू होनी थी. किंतु दिसंबर 2020 से किसान आंदोलन के कारण टोल फ्री है. अब किसान आंदोलन खत्म होने के आसार हैं. जिसके कारण टोल की कीमतें बढ़ने वाली है.

TOLL

किसान आंदोलन के चलते पिछले तकरीबन 11 महीने से नेशनल हाईवे-44 पर वाहन टोल टैक्स दिए बिना गुजरते रहे हैं. किंतु अब कृषि कानूनों की वापसी के बाद जब टोल प्लाजा खुलेंगे तो हाईवे का सफर भी पहले की तुलना में महंगा हो जाएगा. एनएचएआई ने टोल टैक्स की दरें बढ़ा दी है. टोल टैक्स पहले से ₹5 से लेकर ₹10 तक बढ़ गया है. वही मासिक पास की बात करें तो वाहन की श्रेणी के अनुसार ₹50 से लेकर ₹275 तक की बढ़ोतरी की गई है.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से करनाल के बसताड़ा और अंबाला टोल प्लाजा पर बड़ी हुई, यह दरें सितंबर 2021 में लागू होनी थी. लेकिन टोल प्लाजा पर किसानों का धरना होने से इस बड़ी हुई दरों का असर नहीं पड़ सका. टोल खुलने के बाद दिल्ली से अमृतसर या चंडीगढ़ तक का सफर पहले की तुलना में महंगा हो जाएगा.

पर्सनल वाहनों पर क्या पड़ेगा प्रभाव

आपको बता दें कि नेशनल हाईवे-44 पर 24 घंटे में तकरीबन 80 हजार से ज्यादा वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं. एक तरफ की यात्रा करने वाले छोटे वाहनों के टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. लेकिन यदि वे अप एंड डाउन की पर्ची कटवा आएंगे तो छोटे वाहन पर पांच और बड़े पर ₹10 पहले से ज्यादा देने होंगे.

जाने कितना बढ़ेगा कमर्शियल वाहनों का टोल 

कमर्शियल वाहनों के लिए भी टोल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है. जिसका सीधा प्रभाव ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के बढ़ने पर पड़ेगा. आपको बता दें कि पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने से पहले ही ट्रांसपोर्ट महंगा हो चुका है. जबकि यह वहान अभी तक बिना टोल टैक्स दिए गुजरते थे.  बसताड़ा टोल प्लाजा पर बस, ट्रक कि एक तरफ की यात्राएं आने जाने का टोल एक ही साथ देने पर ₹5 पहले से ज्यादा देने होंगे. इसी प्रकार एमवी डबल एक्सेल या इससे बड़े वाहनों पर एक तरफ की यात्रा के आने-जाने का टैक्स एक साथ देने पर ₹10 से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.

पानीपत जालंधर तक 296 किलोमीटर सड़क को छह लेन करने के लिए एनएचआई ने मई 2008 में काम चालू किया था. सोमा के साथ ठेका करते हुए 2009 में टेंडर दिया गया.  2011 में काम पूरा होना था. इस प्रोजेक्ट के तहत 2024 तक टोल वसूला जाना है. बसताड़ा से पहले नीलोखेड़ी में टोल प्लाजा हुआ करता था.

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