होली के दूसरे दिन मनाया जाएगा भाई दूज का पर्व, जाने क्या है इसके पीछे की धार्मिक मान्यताएं

ज्योतिष | आप सभी लोगों ने दीपावली के बाद आने वाले भाई दूज के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि होली के बाद भी भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. दीपावली के अलावा, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भी देश के कुछ हिस्सों में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इसे भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती है. मान्यता है कि इस दिन भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन ग्रहण करते हैं और तिलक लगवाते हैं, ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.

यह भी पढ़े -  गुरु और बुध आज बना रहे प्रतियुति राजयोग, इन 3 राशियों को मिलेगा आकस्मिक धन लाभ

bhai dooj

27 मार्च को मनाया जाएगा भाई दूज का पर्व

अबकी बार भाई दूज का पर 27 मार्च को मनाया जाएगा. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे की बहनों को किस शुभ मुहूर्त पर अपने भाई को तिलक करना चाहिए. वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 मार्च 2024 को दोपहर 2:55 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन 5:06 मिनट तक जारी रहेगी. ऐसे में होली भाई दूज का पर्व 27 मार्च को ही मनाया जाएगा.

यह भी पढ़े -  महादशा के बाद भी इन तीन राशियों पर मेहरबान होते हैं शनि देव, मिलती है हर कार्य में सफलता

इस दिन तिलक करने के लिए पहले शुभ मुहूर्त सुबह 10:54 मिनट से लेकर दोपहर 12:27 मिनट तक रहने वाला है. वहीं, दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 3:31 मिनट से शाम 5:04 मिनट तक रहने वाला है.

क्यों होली के दूसरे दिन मनाया जाता है यह पर्व?

दीपावली के बाद आने वाले भाई दूज को देश भर में काफी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन होली के दूसरे दिन पडने वाले भाई दूज के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी ही नहीं होती. भाई दूज को लेकर एक पौराणिक कथा है. इस कथा के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन के घर जाकर टिका लगवाया था और भोजन किया था. इसके बाद, यमराज ने अपनी बहन को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जो भाई अपनी विवाहित बहन के घर जाकर भोजन करने के साथ तिलक लगवाएगा, उसके ऊपर से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाएगा. इसी वजह से इस दिन को होली के बाद मनाया जाता है.

यह भी पढ़े -  नए साल पर शुक्र बनाएंगे मालव्य राजयोग, इन 3 राशि के जातकों की लगेगी लॉटरी

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit