भारत में इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक काल, भूलकर भी ना करें यह काम

ज्योतिष | कई सालों के बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा न होकर इसमें 1 दिन का अंतर होगा. दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षों के बाद पड़ रहा है. गणना के अनुसार, पिछले 13 वर्षों के बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहारों के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे. साल का यह आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई देने वाला है. भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई देने से इसका सूतक काल मान्य होगा.

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भारत में इस समय दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण का समय: 4:22 से 5:42 तक

सूर्य ग्रहण की समय अवधि: एक घंटा 19 मिनट

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ही लगता है. देश के खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार दिवाली के बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में आसानी के साथ देखा जा सकेगा. वहीं, पूर्वी भागों में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा. भारत में ग्रहण की शुरुआत शाम 4:00 बजे के बाद होगी.

सूर्य ग्रहण के दौरान इन नियमों का करना होगा पालन

  • बता दें कि सूतक काल मे न तो भोजन बनाया जाता है न ही भोजन को ग्रहण किया जाता है. बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं होते.
  • यदि आपने सूतक काल से पहले भोजन बना लिया है तो उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें. साथ ही, दूध और इससे बनी चीजों मे भी तुलसी का पत्ता डालें. तुलसी के पत्ते की वजह से दूषित वातावरण का प्रभाव खाने की वस्तुओं पर नहीं पड़ता.
  • सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. ग्रहण पूरा होने तक घर से ना निकले और अपने पेट के हिस्से पर गैरू लगाकर रखें.
  • सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी प्रकार की नुकिली वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें.
  • सूतक काल के दौरान घर के मंदिर में पूजा ना करें बल्कि मानसिक जाप करना अधिक लाभदायी होगा.

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