हरियाणा के इस जिले में आज भी मौजूद है महाभारत से जुड़ी सुरंग, सुनेंगे तो हो जायेंगे हैरान

कैथल । महाभारत के बारे में लगभग सभी लोग जानते ही हैं. उसमे एक समय ऐसा भी आया था जब पांडवों को मारने के लिए लाक्षा गृह बनाकर साजिश कराने कि कोशिश कि गयी थी लेकिन पांडवों ने समय रहते इस सुरंग को बनाकर अपनी जान बचा ली थी. प्राचीन श्री कपिल मुनि धाम सरोवर के तट पर स्थित शमशान भूमि में महाभारत के समय कि सुरंगों कि झलक दिखती है.

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माना जाता है कि कलायत भगवान विष्णु के छठे अवतार कपिल मुनि कि तपो स्थली है. इसे महाभारत का अंतिम सिरा माना जाता है. यहाँ के लोगों ने बताया कि पांडव कलायत कि शमशान भूमि कि सुरंग में रहे थे.श्री कपिल मुनि धाम के मुख्य पुजारी स्वर्गीय वेद प्रकाश गौतम सुरंगों को विकसित कराने के लिए बहुत बार केंद्र एवं राज्य सरकार के सामने इस विषय को उठाया. अब विश्व हिन्दू परिषद् भारतीय संस्कृति को बचने के लिए आगे आ रहा है .

ये सुरंगे कलायत के सजूमा गाँव में स्थित प्राचीन सुखदेव मंदिर तक जाती हैं. इसके अलावा प्राचीन खडावला शिव मंदिर , लोधर एवं सांघन से भी जुडी हुई हैं. इन सभी स्थानों पर सुरंगों के मुहाने हैं . कुछ लोग अवि भी इस विरासत को जिन्दा रखने कि उम्मीद लगाए हुए हैं सरकार से . अब हाल यह है कि ये सुरंगे जो हमारी प्राचीन धरोहर हैं लुप्त होने की कगार पर हैं. इसीलिए इन सुरंगों को फिर से जीर्णोद्धार कराने की बात मुखयमंत्री पटल पर रखने का निर्णय लिया गया है .

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