करनाल के गोल्डन बॉय ने किया कमाल, खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक जीतकर मचा दिया धमाल

करनाल । हरियाणा के करनाल निवासी गोल्डन बॉय निशानेबाज अनीश भनवाला ने एक बार फिर स्वर्ण मेडल जीतकर सिर्फ माता- पिता का ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है. इस बार उन्होंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीता है. खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 25 मई से दिल्ली में शुरू हो चुके हैं जो 3 जून तक चलेंगे. मेडल जीतने से उसके परिवार में जोरदार खुशियों का माहौल है.

Anis Bhanwala

माता- पिता व भाई- बहन आपस में मिठाईयां बांटकर खुशियां जाहिर कर रहे हैं. इस मौके पर फिलहाल पूरा करनाल जिला जश्न के माहौल में है. बता दें गोल्डन बॉय अनीश भनवाला इससे पहले भी काफी मेडल जीत चुके हैं.

दुनियाभर के खिलाड़ियों को हराकर नाम किया स्वर्ण पदक

देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को निशानेबाजी प्रतियोगिता आयोजित हुई. जिसमें मानव रचना विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर रहे अनीश ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और देश भर के खिलाड़ियों को हराकर स्वर्ण पर निशाना साधा. इससे पहले भी अनीश भनवाला ने मिस्र के काहिरा में आयोजित आईएसएसएफ विश्व कप राइफल/ पिस्टल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था. भारत को इस प्रतियोगिता में अनीश के कांस्य सहित सात पदक मिले. भनवाला ने यह पदक अपने निजी कोच हरप्रीत सिंह को समर्पित किया.

15 साल की उम्र में स्वर्ण जीतने वाले पहले खिलाड़ी

करनाल के गोल्डन बॉय अनीश भनवाला ने आठ साल की उम्र में शूटिंग सीखना शुरू किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह 15 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर सुर्खियों में आए. उन्होंने ISSF जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप- 2017 में दो गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज जीते. सुहल ने 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल इवेंट में अनीश ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.

इसके साथ ही, कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में 15 साल की उम्र में अनीश भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर सबसे कम उम्र के भारतीय पदक विजेता बने. अनीश सिडनी में आयोजित आईएसएसएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप- 2018 में 25 मीटर जूनियर रैपिड फायर पिस्टल में भी गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.

राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से सम्मान प्राप्त कर चुके हैं अनीश

साल 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में स्वर्ण जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अनीश भानवाला द्वारा दो बार सम्मानित और दो बार राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. अनीश का जन्म 26 सितंबर 2002 को सोनीपत के भनवाला गांव में हुआ था. उनके पिता पेशे से वकील हैं जो अब करनाल के कर्ण विहार में बस गए हैं.

बाल पुरस्कार से किया जा चुका है सम्मानित

अनीश ने ऑस्ट्रेलिया में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में 30 अंकों के साथ 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में विश्व रिकॉर्ड बनाया. इसके अलावा, वह अब तक 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल से कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुके हैं. कॉमनवेल्थ में जीत के लिए उन्हें दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

फरीदाबाद, दिल्ली और देहरादून में किया शूटिंग का अभ्यास

अनीश ने बताया कि बचपन में वह खेलते समय घर की दीवार पर निशाना लगाता था. बचपन में तो खेल खेल में वह निशानेबाजी सीखता गया. कभी ऐसा नहीं सोचा था कि कभी इतना बड़ा मंच मिलेगा. जब निशानेबाजी को चुन लिया तो बेहतर प्रदर्शन के लिए फरीदाबाद, दिल्ली और देहरादून में शूटिंग का अभ्यास कराया गया.

शूटिंग को सफल बनाने के लिए पिता ने छोड़ी कानूनी प्रैक्टिस

अनीश का जन्म 26 सितंबर 2002 को सोनीपत के गांव भानवाला में हुआ था. उनके पिता जगपाल सिंह पेशे से वकील थे. बाद में उनके पिता अपने परिवार के साथ करनाल के कर्ण विहार में रहने लगे. पिता ने अपने बच्चों को निशानेबाजी में सफल बनाने के लिए वकालत तक छोड़ दी थी. उसके बाद जगमल अपने बेटे अनीश और बेटी मुस्कान को शूटिंग में सफल बनाने लगे. मुस्कान इंटरनेशनल लेवल पर मेडल भी जीत चुकी हैं.

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