रोहतक में अनोखा मामला: 102 वर्षीय बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए रथ पर सवार होकर पहुंचा रेस्ट हाउस

रोहतक | हरियाणा के रोहतक जिले के गांधरा गांव निवासी 102 वर्षीय दुलीचंद को कागजों पर मृत घोषित कर पेंशन बंद करने के मामले ने रफ्तार पकड़ ली है. गुरुवार को पीड़ित खुद को जिंदा साबित करने के लिए रथ पर सवार होकर रेस्ट हाउस पहुंचे. इस दौरान उनके साथ नवीन जयहिंद भी थे.

Rohtak Dulichand

बुजुर्ग दुलीचंद ने बताया कि मेरी उम्र 102 साल है. लेकिन समाज कल्याण विभाग ने मेरी मृत्यु कह कर मेरी सामाजिक सुरक्षा पेंशन रोक दी. दुलीचंद ने कहा कि पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए समाज कल्याण विभाग कई दिनों से चक्कर लगा रहा है. लेकिन कोई नहीं सुनता. उन्होंने बताया कि अधिकारी एक दूसरे के कार्यालय भेज रहे हैं. अधिकारी का कहना है कि जिंदा होने का कोई कागज दिखाओ.

वहीं विश्राम गृह पहुंचे दुलीचंद को पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा और उन्हें कागज पर मृत घोषित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, पूर्व मंत्री ने पेंशन बंद करने की जांच के आदेश दिए हैं. बुजुर्ग दुलीचंद की आखिरी पेंशन 2 मार्च को आई थी, तब से उनकी पेंशन बंद है. इसके बाद से वे खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.

बता दें कि नवीन जयहिंद ने बुधवार को रोहतक में पत्रकार वार्ता में वृद्धावस्था पेंशन की बात करते हुए एक अजीबोगरीब मामला उजागर किया था. गांव गांधरा, रोहतक, दुलीचंद निवासी जयहिंद, जिनकी उम्र 102 वर्ष है, को हरियाणा सरकार ने मृत घोषित कर दिया और उनकी वृद्धावस्था पेंशन काटने के मामले में एक बार फिर सरकार को घेर लिया.

नवीन जयहिंद ने बताया कि हमारे हरियाणा में इतने कम उम्र के बुजुर्ग बहुत कम बचे हैं. उन्हें हमारे हरियाणा में ब्रांड एंबेसडर बनाया जाना चाहिए. साथ ही जयहिंद ने बुजुर्ग दुलीचंद का आधार कार्ड, पैन कार्ड, फैमिली आईडी और अपना बैंक स्टेटमेंट दिखाते हुए सरकार और मुख्यमंत्री खट्टर से पूछा कि क्या सरकार के पास इन बुजुर्ग लोगों की पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं जो उन्हें मरा हुआ दिखाएंगे. सरकार को चाहिए कि वह कटोरा उठाकर हरियाणा की जनता से पैसे मांगे.

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