आज हरियाणा की बेटी ओलंपिक में बेलारूस की पहलवान से भिड़ेंगी, पिता बोले- खुलकर खेलो बेटी

नई दिल्ली । आज भारतीय पहलवान अंशु मलिक 57 किलो भार वर्ग में मैट पर उतरेंगी. 9 बजे से उनका मुकाबला शुरू होगा. पहली बार ओलंपिक में गईं अंशु मलिक पूरी फॉर्म में हैं. उनका मुकाबला बेलारूस की इरीना कुराचकिना से भिड़ेंगी. 27 वर्षीय इरीना दो बार विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीत चुकी हैं.

anshu malik

वहीं विश्व की नंबर तीन खिलाड़ी अंशु मलिक के गांव निडानी में स्वजन भी बेटी का मैच देखने को उत्साहित है. घर में मैच देखने के लिए बड़ी एलईडी लगवा दी गई है. पिता धर्मवीर ने बताया कि बेटी से बात हुई थी वे पूरे दमखम के साथ कुश्ती लड़ेंगी. हमें उम्मीद है कि वो देश के लिए मेडल जरूर लाएंगी.

दैनिक जागरण से ख़ास बातचीत में अंशु के पिता धर्मवीर ने बताया कि उनकी बेटी के साथ हर रोज़ बात हो रही है. आज भी बात हुई है. उन्होंने बेटी से कहा है कि मैट पर खुलकर खेल खेलना है. मैच में अपना बेस्ट देना है. फ्री माइंड होकर खेलोगी तभी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाओगी.

आक्रामक खेल से शुरुआत से दबाव बनाने में सक्षम है अंशु

खुद में राष्ट्रीय स्तर के अच्छे पहलवान बन चूके धर्मवीर ने बताया की बेटी अंशु ने पिछले 3- 4 साल में काफी कड़ी मेहनत की है. आज वह 57 किलो में देश की ही नहीं बल्कि विश्व की एक बेस्ट पहलवान हैं. मात्र 20 साल की उम्र में ही ओलंपिक में भागीदारी कर रही है. बेटी को भी पता है कि उसका सामना अनुभवी खिलाड़ियों से होगा लेकिन खुद ही मैच को लेकर बहुत उत्साहित हैं. अंशु स्टैंडिंग में काफी मजबूत है और शुरू से ही आक्रामक खेलती है. इससे प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी पर दबाव बना हैं. पिछले एक महीने में उसने कुछ के साथ अपनी कमियों को बारीकी से दूर किया है.

57 किलो भार में किया कमाल

अंशु मलिक ने 2 साल पहले जूनियर वर्ग में होते हुए भी सीनियर नेशनल खेला और गोल्ड मेडल झटका. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो एक के बाद एक जीत दर्ज करते हुए 57 किलो भार वर्ग में देश के नंबर वन पहलवान बन चुकी हैं.

दादी से मिली प्रेरणा

अंशु मलिक की माँ मंजू मलिक ने बताया कि खेल की प्रेरणा अंशु को उनकी दादी ने दिलाई. दादी से प्रेरणा मिलने के बाद अंशु ने से खेल शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने लगातार मेडल हासिल किए हैं. अंशु की माँ ने कहा कि परिवार के सभी लोग अंशु का बेटे की तरह ही ध्यान रखते हैं और खूब लाड लडाते हैं.

मंजू मलिक ने बताया कि जब अंशु गांव में रहती हैं, तो वो 4 घंटे सुबह और शाम को 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं. इस बार उन्हें पूरी उम्मीद है कि अंशु मेडल लेकर आएगी और देश का नाम रोशन करेगी.

ताऊ नेशनल लेवल के पहलवान

एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड और विश्व कप में सिल्वर जीतने वाली अंशु मलिक को पहलवानी विरासत में मिली है. उनके ताऊ नेशनल लेवल के पहलवान थे और पिता भी पहलवान ही हैं. उन्होंने अंशु मलिक को शुरुआती दांव पेंच सिखाए थे.

अंशु मलिक ग्राउंड पोजिशन में थोड़ी कमज़ोर

मलिक के पिता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि उनकी बेटी ग्राउंड पोजिशन में थोड़ी कमजोर है. जिस पर अंशु ने काफी मेहनत भी की है. इसके अलावा पेंडिंग में उनकी बेटी काफी मजबूत हैं. अंशु मलिक के पिता ने यह भी बताया कि अंशु ने पहलवानी की शुरुआत 2016 में CBSM स्पोर्ट्स कॉलेज से की है.

तेजी से करती हैं प्लान

अंशु के प्रशिक्षक जगदीश श्योराण कहते हैं के अंशु में शुरू से ही अच्छी लगन है. उनमें अच्छे पहलवान बनने के सभी गुण हैं. किसी भी दांव पेज को सीखने में उन्हें अधिक समय नहीं लगता. अंशु ताकत के साथ यह तेजी से प्लान करती हैं कि सामने वाले पहलवान को कौन सा दांव लगाना है. अंशु की दाव लगाने या नहीं लगाने की प्लानिंग गजब की है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबले में पहलवान के पास यही समझदारी होनी चाहिए.

अंशु मलिक की उपलब्धियां

  • 2021 सीनियर एशिया चैंपियनशिप में गोल्ड
  • 2021 में आगरा में सीनियर नेशनल में गोल्ड जीता
  • 2020 एशिया चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल.
  • 2020 विश्व कप में सिल्वर मेडल झटका.
  • 2019 में जालंधर में पहले सीनियर नेशनल में गोल्ड मेडल जीता.
  • 2019 सेफ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.
  • 2019 जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप थाईलैंड में गोल्ड मेडल.
  • 2019 दिल्ली में एशिया चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता.
  • 2019 रैंकिंग टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल.
  • 2021 एशिया क्वालीफाई में सिल्वर मेडल.

गौरतलब है हरियाणा की धाकड़ छोरी अंशु मलिक टोक्यो की धरती पर आज दम दिखाएंगी. मुकाबले से पहले अंशु के पिता उसकी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. फ़ोन कर बेटी को खुलकर खेलने को कह रहे हैं. अंशु 57 किलो भार वर्ग में बेलारूस की इरीना से भिड़ेंगी.

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