हरियाणा सरकार की पहल का बुजुर्गों को मिला फायदा, 7 हजार को घर बैठे मिली बुढ़ापा पेंशन

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने बुजुर्गों को बड़ा तोहफा दिया है. प्रदेश में बुढ़ापा पेंशन शुरू करने के लिए लागू किए गए आटो मोड सिस्टम के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहें हैं और इसके तहत ही पहली बार प्रदेश के 7 हजार बुजुर्गों की जुलाई माह में घर बैठे बुढ़ापा पेंशन मिलना शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार के इस कदम का बुजुर्गों ने दिल खोलकर स्वागत किया है.

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बता दें कि पेंशन सिस्टम में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सीएम मनोहर लाल ने पेंशन को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने की योजना बनाई थी. इसके तहत 60 साल की उम्र पूरी होते ही इनकी पेंशन अपने आप शुरू हो रही है. हालांकि इससे पहले समाज कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बुजुर्ग के घर जाकर पेंशन शुरू करने के लिए उसकी सहमति लेते हैं. बुजुर्ग द्वारा पेंशन लेने की सहमति मिलने के बाद आटो मोड सिस्टम से उसके खाते में बुढ़ापा सम्मान पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है.

10 हजार की दोबारा से पेंशन शुरू

परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में वार्षिक आय ज्यादा होने की वजह से पिछले दिनों में करीब 10 हजार बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई थी जिसका प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया था. फिलहाल सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा 2.60 लाख रुपए वार्षिक आय से ज्यादा वाले बुजुर्गों की पेंशन रोकी जा रही है. हालांकि प्रदेश सरकार ने बुढ़ापा पेंशन के लिए 1.80 लाख रुपए सालाना आय निर्धारित की थी. परिवार पहचान पत्र में जिन बुजुर्गों ने गलती से अपनी आय ज्यादा दर्शा दी थी तो सरकार ने उन्हें संशोधन का मौका दिया था. आय ठीक होने पर ऐसे करीब 10 हजार बुजुर्गों की पेंशन फिर से शुरू कर दी गई है.

12 हजार बुजुर्गों ने किया पेंशन से इंकार

एक तरफ प्रदेश में बुढ़ापा पेंशन लेने की होड़ मची हुई है तो वहीं दूसरी ओर ऐसे बुजुर्गों की संख्या का एक बड़ा आंकड़ा सामने आया है जिन्होंने बुढ़ापा सम्मान पेंशन लेने से इंकार कर दिया. 60 साल की उम्र पूरी होने पर जब विभाग के कर्मचारियों ने पेंशन के लिए घर जाकर उनसे सम्पर्क किया तो ऐसे करीब 12 हजार बुजुर्गों ने बुढ़ापा पेंशन लेने से साफ मना कर दिया. इन बुजुर्गों का कहना था कि उनकी पारिवारिक स्थिति अच्छी है और घर पर उनका पूरा मान सम्मान रखा जाता है, ऐसे में उन्हें बुढ़ापा पेंशन की कोई जरूरत नहीं है.

आवेदन के लिए भागदौड़ हुई खत्म

गर्ग, एसीएस, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग ने बताया कि सीएम मनोहर लाल की पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने की घोषणा को अमलीजामा पहना दिया गया है. बुज़ुर्गो को अब पेंशन के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी. पीपीपी के माध्यम से पेंशन बनाने की शुरुआत हो गई है. सत्यापन और बुजुर्ग की सहमति से पेंशन शुरू की जा रही है. अब बुजुर्गों को पेंशन के लिए भागदौड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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