नहीं सुधरी हरियाणा की आबो-हवा, अगले आदेशों तक एनसीआर में शामिल इन 4 जिलों में स्कूल रहेंगे बंद

चंडीगढ़ । प्रदुषण से बिगड़े हालातों के बीच एनसीआर क्षेत्र में शामिल चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर व सोनीपत में अगले आदेश तक स्कूल बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इससे पहले 21 नवंबर तक इन जिलों में स्कूल बंद रखने के निर्देश जारी किए गए थे. हालांकि इस दौरान CBSE की 10 वीं व 12 वीं के एग्जाम, खेल प्रतियोगिताएं व अन्य कार्यक्रम पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुसार जारी रहेंगे.

 

बता दें कि हरियाणा सरकार के पराली प्रबंधन के इंतजाम और किसानों के बीच चलाएं गए जागरूकता अभियान के चलते प्रदेश में इस साल पंजाब से 12 गुणा कम पराली जली हैं लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में हरियाणा में प्रदुषण स्तर बहुत अधिक दर्ज किया जा रहा है. इसके प्रमुख कारण फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं , भवन निर्माण और सड़कों पर उड़ती धूल आदि है.

SCHOOL BUS 2पर्यावरण विशेषज्ञों ने बताया कि पंजाब की तरफ़ से आने वाली हवाओं का धुआं हरियाणा से होते हुए दिल्ली व यूपी की तरफ बढ़ता है लेकिन हवा का दबाव कम होने के चलते इस धुएं ने जींद में गुबार का रुप धारण कर लिया है , जिससे जींद के साथ पूरे एनसीआर क्षेत्र की आबो-हवा प्रदुषित हों गई है.

हरियाणा की मनोहर सरकार ने प्रदुषण कम करने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं और एनसीआर क्षेत्र में निर्माण कार्यों व फैक्ट्रियों को बंद करने के निर्देश जारी किए हुए हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हरियाणा में प्रदुषण स्तर बढ़ता जा रहा है. प्रदुषण स्तर बढ़ने के पीछे कुछ हद तक पराली का धुआं भी जिम्मेदार है क्योंकि पिछले तीन सप्ताह में पराली जलाने के 3 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.

हर साल जलाएं जातें हैं 90 लाख टन फसल अवशेष

हरियाणा में हर साल करीब 90 लाख टन गेहूं और धान की फसल के अवशेष जलाए जाते हैं.एक टन पराली जलाने से हवा में तीन किलो कार्बन कण, 1513 किग्रा कार्बन डाइआक्साइड, 92 किलोग्राम कार्बन मोनोआक्साइड, 3.83 किग्रा नाइट्रस आक्साइड, 0.4 किलोग्राम सल्फर डाइआक्साइड, 2.7 किग्रा मीथेन और 200 किलो राख घुल जाती है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती है.

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