जन्मदाता ने दी दर्दनाक मौत, पिता की लाश मिलने पर हत्या और आत्महत्या में उलझा केस

आदमपुर । हरियाणा के हिसार जिलें के गांव मोहब्बतपुर में 16 मार्च को हुई दो बहनों की हत्या के मामले की गुत्थी पुलिस के लिए सुलझने का नाम ही नहीं लें रही है. दो बहनों मोनिका (16 वर्षीय) और रिंकू (14 वर्षीय) के मामले में पुलिस हत्या और आत्महत्या के बीच अटक कर खड़ी हो गई है. उम्मीद थी कि लापता पिता सामने आएगा तो इस दोहरे हत्याकांड से पर्दा उठेगा लेकिन पिता की लाश नहर में मिलने से ये मामला और उलझ कर खड़ा हो गया है.

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बेशक यह खुलासा हो गया हो कि पिता ने अपनी बेटियों को मारने के बाद सुसाइड किया है लेकिन बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा था कि इन मासूमों का क्या कसूर था जो इन्हें छोटी सी उम्र में इतनी दर्दनाक मौत नसीब हुई. ऐसी क्या वजह रही होगी कि जन्मदाता ही इन्हें इतनी दर्दनाक मौत देने पर मजबूर हो गया. फिलहाल पुलिस चार दिन से इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने में लगी हुई है.

नही हुआ सिरहाने खड़ी मौत का आभास

दर्दनाक मौत का शिकार बनी दोनों बहनें वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियों में जुटी हुई थी. दोनों बहनों को एक पल का भी अहसास नहीं था कि मौत उनके सिर पर मंडरा रही है. पूरे गांव में एक ही चर्चा चल रही है कि ऐसी कौन सी वजह थी कि पिता छोटूराम ने कमरें में सो रहे चारों बच्चे (तीन बेटी, एक बेटा) पर पेट्रोल छिड़क कर उन्हें आग के हवाले कर दिया और इसके बाद खुद ने भी नहर में कूद कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.

आर्थिक तंगी नहीं रही वजह

परिजन और ग्रामीण दिल दहला देने वाले इस डबल मर्डर और सुसाइड केस में पुलिस को कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं. हैरानी भरी बात यह भी है कि परिजनों की ओर से इस मामले की शिकायत पुलिस को नहीं दी गई थी. मृतक लड़कियों की मां भी इस मामले को लेकर खामोशी बनाएं हुए हैं. वारदात के दिन वह अपने मायके गई हुई थी. घर पर चारों बच्चें थे जो कमरें में सोए हुए थे और पिता बाहर बरामदे में सोया हुआ था.

हालांकि कुछ ग्रामीण दबी जुबान से यह भी कह रहे हैं कि माली हालत अच्छी नहीं होने के कारण छोटूराम ने यह कदम उठाया होगा लेकिन माली हालत उतनी भी खराब नहीं थी कि वह अपने पूरे परिवार का खात्मा करने पर उतारू हो जाएं. फिलहाल गांव की गलियों में दिन-रात गूंज रहें पुलिस की गाड़ियों के सायरन ने ग्रामीणों में खौफ का माहौल बना दिया है.

सिद्धमुख नहर में मिला शव

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पिता छोटूराम ने अपने परिवार का खात्मा करने के मकसद से कमरें में सो रहे चारों बच्चों पर तेल छिड़क कर आग लगाई थी, जिसमें दो सगी बहनें मोनिका और रिंकू की जलने से मौत हो गई, जबकि खुशबू व शुभम को बचा लिया गया था.

इस वारदात के बाद लापता पिता की लाश भी शनिवार को राजस्थान के झांसल गांव में सिद्धमुख नहर में मिलीं है. मेडिकल रिपोर्ट में उसके मरने की वजह फेफड़ों में पानी भरना पाया गया है. माना जा रहा है कि इस वारदात के बाद छोटूराम ने नहर में कूद कर सुसाइड किया है. पुलिस ने अब थाना आदमपुर में छोटूराम व अन्य परिजनों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस अब पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में लगी हुई है.

ये था मामला

16 मार्च को आदमपुर क्षेत्र के गांव मोहब्बतपुर में बुधवार सुबह बच्चों की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी उठें तो देखा कि छोटूराम के घर में आग लगी हुई थी. ताऊ पवन अपने परिजनों और पड़ोसियों के साथ वहां पहुंचा और बच्चों को आग से बचाने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली. दोनों बहनों की जलने से मौत हो गई. वारदात के समय पिता छोटूराम भी घर पर नहीं था.

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से पेट्रोल-डीजल की खाली बोतलें बरामद हुई थी. हालांकि शुरुआत में इस बात का अंदेशा जताया जा रहा था कि कमरें में आग बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी होगी लेकिन पता चला कि वारदात के समय गांव में बिजली ही नहीं थी. बिजली निगम ने पुलिस के सामने इसकी अधिकारिक पुष्टि की है.

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