वायरल पत्र पर चुनाव आयुक्त का बयान; 3 साल का नहीं, 5 साल का है पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल

चंडीगढ़ | हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का कार्यकाल पांच साल पहले की तरह ही रहेगा. सोशल मीडिया पर एक फर्जी पत्र फैलाया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल तीन साल का होगा. आयोग ने इस संबंध में कोई पत्र जारी नहीं किया है, यह पूरी तरह से फर्जी सूचना है.

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फर्जी पत्र वायरल करने वाले पर होगी कार्रवाई

धनपत सिंह ने कहा कि किसी शरारती तत्व ने राज्य चुनाव आयोग के नाम से फर्जी पत्र बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. इस पत्र में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 3 वर्ष तक बताया गया है. धनपत सिंह ने कहा कि आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद सदस्यों का कार्यकाल केवल 5 वर्ष है. सरपंच, पंच, पंचायत समिति के सदस्यों और जिला परिषद समिति के सदस्यों का चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा घोषित निर्धारित तिथियों पर होगा. धनपत सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर राज्य चुनाव आयोग के संबंध में फर्जी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. आयोग ने इस संबंध में तत्काल संज्ञान लिया है.

तीन चरणों में होंगे चुनाव

चुनाव आयोग ने पूरी तरह निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए इस बार तीन चरणों में पंचायती राज चुनाव कराने का फैसला किया है. पहले चरण में 9 जिलों में होने वाले चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने उन 9 जिलों की पूरी रूपरेखा की घोषणा की है जिनमें अगले चरण में चुनाव होने हैं. इस अहम मामले को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि दूसरे चरण में चरखी दादरी, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, गुरुग्राम, रोहतक, सिरसा और सोनीपत जिलों में मतदान होगा. जिला परिषद-पंचायत समितियों के लिए नौ नवंबर और पंच-सरपंच का चुनाव 12 नवंबर को होगा.

इसकी जानकारी के लिए जिला उपायुक्त सार्वजनिक नोटिस चस्पा करेंगे. उन्होंने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया 21 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगी. जिसमें 3 दिन सरकारी अवकाश, 23 रविवार, 24 दीपावली और 25 अक्टूबर विश्वकर्मा दिवस पर नामांकन नहीं हो पाएगा. 29 अक्टूबर को आए सभी नामांकनों को हटाना होगा और वैध नामांकन से नाम वापस लेने वालों को 31 अक्टूबर तक वापस लेने की अनुमति दी जाएगी. उसी दिन अंतिम सूची जारी की जाएगी और दोपहर 3 बजे चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे.

राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो 5 साल बाद आती है. चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो इसके लिए पूरी तरह से व्यवस्थित तरीके से काम करना बहुत जरूरी है ताकि चुनाव प्रक्रिया में सभी का विश्वास बना रहे. इसमें अकेले चुनाव आयोग कुछ नहीं कर सकता. राज्य और जिला प्रशासन का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है. चुनाव प्रक्रिया में कानून व्यवस्था एक अहम मुद्दा है. पुलिस प्रबंधन जरूरी है इसलिए राज्य सरकार से परामर्श के बाद हमने तीन चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है ताकि कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनी रहे.

चुनाव को लेकर दी जानकारी

उन्होंने बताया कि 9 नवंबर 2022 को 9 जिलों में जिला परिषद-पंचायत समितियों के चुनाव होंगे. पंच सरपंच 12 अक्टूबर को होंगे. मतदान का समय सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक होगा. इन 9 जिलों में 5,963 बूथों में से 976 संवेदनशील और 1,023 अति संवेदनशील बूथों की पहचान की गई है. राज्य भर में तीनों चरणों के चुनाव में कुल 40,000 पुलिस कर्मी-अधिकारी तैनात किए जाएंगे.

संवेदनशील बूथ पर एक अतिरिक्त पुलिसकर्मी और संवेदनशील बूथ पर 2 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. शेष सभी बूथों पर दो-दो पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. मतदान के दिन संवेदनशील बूथों पर गश्त करने वाले दल को कम से कम एक बार पेट्रोलिंग जरूर करनी चाहिए. किसी अन्य स्थान से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना मिलने पर गश्ती दल पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच जाएगी.

धनपत सिंह ने कहा कि इन चुनावों में मतदान करने आने वाले शारीरिक रूप से अक्षम मतदाताओं के लिए पास के डिस्पेंसरी-पीएचसी-सीएससी आदि से व्हीलचेयर की व्यवस्था की जाएगी. व्हीलचेयर की व्यवस्था के लिए रेड क्रॉस को भी लिखा गया है. उन्होंने कहा कि यदि कोई मतदाता शारीरिक रूप से मतदान करने नहीं जा सकता है तो परिवार के सदस्य को उसे मतदान कक्ष में ले जाने की अनुमति दी जाएगी लेकिन वोटिंग वाले हिस्से में वोटर को खुद वोट करना होगा.

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