कालका रेलवे स्टेशन पर मिली चार साल से रखी हुई तिजोरी, खोलने पर मिला ये खजाना

अम्बाला । कैश सेफ (तिजोरी-36904) पैसेंजर ट्रेन अंबाला रेलवे स्टेशन का कैश लेकर नई दिल्ली से अंबाला पहुंच गई थी परंतु तिजोरी को यहां पर उतारा ही नहीं गया और यह तिजोरी कालका पहुंच गयी. कई महीनों तक यह तिजोरी कालका रेलवे स्टेशन पर ही पड़ी रही और इसी के बीच नोटबंदी हो गई. जब कई महीनों के बाद अधिकारियों को इस तिजोरी की याद आई तो इस तिजोरी को खोला गया और उसमें से 500 व 1000 के नोट बरामद किए गए जो अब बेकार हो चुके थे.

TRAIN RAILWAY STATION

सितंबर 2020 में हुए इस प्रकरण की जांच के संबंध में अंबाला मंडल के अधिकारियों से प्रश्न किए गए. अब यह जांच की जा रही है कि अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर पार्सल विभाग में उस समय किस-किस कर्मचारी की ड्यूटी थी. पैसेंजर ट्रेन नंबर 54303 (दिल्ली से अंबाला के लिए) में 25 अक्टूबर 2016 को तिजोरी रखी गई थी. छोटे रेलवे स्टेशन से पार्सल , बुकिंग आदि का कैश तिजोरी में सील करके डाल दिया जाता था. एंट्री करने वाले कर्मचारी के हस्ताक्षर गार्ड के पास होते थे और सभी स्टेशनों का कैश इकट्ठा करने के बाद यह तिजोरी दिल्ली पहुंच जाती थी.

दिल्ली में अधिकारियों की उपस्थिति में इस तिजोरी को खोल कर सारा कैश जमा कर लिया जाता था. परंतु 25 अक्टूबर को चली यह तिजोरी अंबाला उतरी ही नहीं, बल्कि कालका पहुंच गई. कई महीनों बाद अधिकारी नींद से जागे और उन्हें भनक लगी कि दिल्ली से अंबाला के बीच जिन स्टेशनों का कैश तिजोरी में डाला गया था अभी तक वह कैश जमा नहीं किया गया है. इसके बाद इस तिजोरी की तलाश की गई और यह कालका स्टेशन पर पाई गई. इस तीजोरी में लगभग 3 लाख रुपए कैश बताया जा रहा है, जोकि 500 और 1000 के पुराने नोटों के रूप में हैं, जो आज की तारीख में बेकार हो चुके हैं.

सीनियर डीसीएम वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक हरिमोहन के अनुसार दिल्ली मंडल से यह प्रकरण जुड़ा हुआ है. दिल्ली मंडल के स्टेशनों का कैश कैश सेफ में था. कैश सेफ को उतारने के लिए अंबाला में गार्ड ने नहीं कहा, जिसकी वजह से यह तिजोरी कालका में पहुंच गई. इस संबंध में गार्ड की जिम्मेदारी को उठाया गया है, क्योंकि न तो अंबाला में और ना ही कालका में गार्ड ने सैफ को उतारने की बात कही.

सीनियर डीसीएम (वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक) हरि मोहन ने कहा कि यह प्रकरण दिल्ली मंडल से जुड़ा है. कैश सेफ में दिल्ली मंडल के स्टेशनों का कैश था. अंबाला में गार्ड ने कैश सेफ उतारने के लिए नहीं कहा था, जिस कारण तिजोरी कालका पहुंच गई थी. गार्ड की जिम्मेदारी तय की गई है, क्योंकि गार्ड ने न ही अंबाला और न ही कालका में कैश सेफ उतारने की बात कही.

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