हरियाणा ग्रुप सी के 32 हज़ार पदों की भर्ती के लिए युवाओं को अभी करना होगा और इंतजार, 19 दिसंबर को सुनवाई

चंडीगढ़ | हरियाणा में ग्रुप सी के लगभग 32,000 पदों पर भर्तियां होनी है. मगर भर्ती पूरी होने से पहले ही यह कोर्ट में लटक गई है. अभी तक हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा ग्रुप 56 और 57 की परीक्षा ही ली गई है जबकि कुल 63 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाना है. फिलहाल, मामला कोर्ट में लंबित है. 31 अक्टूबर को भी इस मामले के बारे में सुनवाई की गई. यह भर्ती लगातार विवादों से घिरी हुई है.

HIGH COURT

जब यह मामला कोर्ट पहुंचा था तो सिंगल बेंच ने CET स्कोर पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया था कि सामाजिक आर्थिक मानदंड के आधार पर मिलने वाले अंकों की फिजिकल वेरिफिकेशन की जाए तथा संशोधित सेट स्कोर जारी किया जाए.

19 दिसंबर तक स्थगित हुई सुनवाई

आयोग ने डबल बेंच में अपनी याचिका दायर की और ग्रुप नंबर 56 और 57 की परीक्षा करवाने की अनुमति ले ली. इसके बाद, ग्रुप नंबर 56 की परीक्षा में ग्रुप 57 की परीक्षा से हु बहु 41 सवाल रिपीट हो गए. ऐसे में यह मामला भी कोर्ट में चला गया. फिलहाल, हरियाणा के युवा चाहते हैं कि ग्रुप सी की भर्ती ग्रुप डी से पहले पूरी हो लेकिन ऐसे कोई आसार नजर नहीं आ रहे. कोर्ट ने अब अगली सुनवाई की तारीख 19 दिसंबर तय कर दी है यानी कि अभी युवाओं को 19 दिसंबर तक इंतजार करना होगा.

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की अपीलों पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को हाईकोर्ट में एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने बचे ग्रुपों की परीक्षा आयोजित कराने के लिए आग्रह किया मगर खंडपीठ ने सर्विस पूरी नहीं होनेकी वजह से सुनवाई 19 दिसंबर 2023 के लिए स्थगित कर दी है.

बचे हुए ग्रुपों की परीक्षा के मांगी जाएगी अनुमति

अब आयोग हाईकोर्ट में अर्जी दायर करके बचे हुए ग्रुपों की परीक्षा के लिए अनुमति मांगेगा. एडवोकेट जनरल ने अदालत से यह आग्रह भी किया कि सिंगल बैंच के फैसले पर रोक लगाई जाए और ग्रुप नंबर 56 और 57 का रिजल्ट जारी करने की अनुमति दी जाए मगर खंडपीठ ने सर्विस पूरी न होने की वजह से सुनवाई को स्थगित कर दिया है.

मुख्य अपील के प्रतिवादीगण पक्ष की तरफ से पेश एडवोकेट अंकुर सिधार ने बताया कि एक्टिंग चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस अमन चौधरी की खंडपीठ के सामने ज़ब एडवोकेट जनरल ने सिंगल बेंच के आर्डर पर रोक लगाने और शेष ग्रुपों की परीक्षा आयोजित करने की मंजूरी देने के लिए आग्रह किया तो उनकी तरफ से खंडपीठ को बताया गया की अपील में तो सिर्फ ग्रुप नंबर 56 और 57 की परीक्षा करवाने का आग्रह था. खंडपीठ ने इसके लिए अनुमति दे दी थी और रिजल्ट पर रोक लगा दी थी.

पहले से चल रहा अंतरिम आदेश रहेगा जारी

अंकुर सिधार ने कहा कि बचे हुए ग्रुपो की परीक्षा आयोजित करने से संबंधित तो कोई अपील दायर ही नहीं की गई थी. उनकी तरफ से यह अपील भी दी गई कि सिंगल बेंच के आर्डर पर पहली सुनवाई के वक्त रोक लगी ही नहीं थी. इसके साथ ही, उन्होंने खंडपीठ से कहा कि अभी सभी प्रतिवादीगणों की सर्विस ही पूरी नहीं हुई है. इस पर खंडपीठ ने सर्विस कंप्लीट ना होने और अगले सुनवाई पर बहस करने के लिए कहा तथा इसके साथ ही पहले से चल रहे अंतरिम आदेश को ही जारी रखा.

आर्थिक सामाजिक मानदंड के अंकों पर चयन निर्भर

एडवोकेट रविंद्र सिंह ने कहा “एचएसएससी ने उलझन पैदा कर दी है. आर्थिक सामाजिक मानदंड के अंक महत्वपूर्ण है क्योंकि चयन इन अंकों पर बहुत निर्भर करता है. इसलिए फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी है मगर आयोग यह वैरिफिकेशन नहीं कराना चाहता. वैसे भी अदालत में मंगलवार को बिना अर्जी के बचे गुपों का पेपर लेने का आग्रह किया गया था. ईएसएम, डीईएसएम और अन्य कैटेगरी के उम्मीदवार भी अदालत में आयोग की हठधर्मिता की वजह है.

अंतरिम मंजूरी मिलने की उम्मीद

एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन ने बताया कि सामाजिक आर्थिक मानदंड के अंकों की वेरिफिकेशन फाइनल स्टेज पर पहुंचने के बाद करने, ग्रुप नंबर 56 और 57 के रिजल्ट घोषित करने, सिंगल बेंच के आर्डर पर रोक लगाने तथा बचे हुए ग्रुपों की परीक्षा आयोजित करने के लिए आग्रह किया था. सर्विस पूरी न होने की वजह से अदालत ने 19 दिसंबर की तारीख दी है अब उस दिन बहस होगी. ग्रुप सी के बचे हुए ग्रुपों का पेपर लेने के लिए हम अगले हफ्ते याचिका दायर करेंगे. हमें उम्मीद है कि उनके लिए अंतरिम मंजूरी मिल जाएगी.

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