फरीदाबाद में रेलवे ट्रैक के किनारे बसी है कॉलोनिया, अब होगी कार्यवाही चलेगा बुल्डोजर

फरीदाबाद | जिले में रेलवे ट्रैक के किनारे आधा दर्जन कॉलोनियां बसी हुयी हैं जिनके लिए अब खतरा पैदा हो गया हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द रेलवे ट्रैक या रेलवे की जमीन को खाली करवाने का आदेश दे दिया हैं, जिससे यहां बने 2500 से अधिक मकानों पर टूटने का खतरा बना हुआ हैं. जल्द ही नगर निगम और जिला प्रशासन के साथ मिलकर रेलवे मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरु करेंगे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नगर निगम और अन्य सरकारी एजेंसियों को 3 महीने का समय दिया गया हैं.

Railway Jhugi

1985 में सोशल वर्कर ऍम सी मेहता की याचिका की सुनवाई पर कहा हैं कि दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रो में रेलवे लाइनों के किनारे या रेलवे जमीन पर बसी झुग्गियों को हटाया जाये. इस केस की सुनवाई के दौरान रेलवे ने कहा कि उन्होंने बहुत बार इन अवैध मकानों को हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन राजनितिक दख़ल के कारण इसे पूरा करने में बाधा उत्पन हो रही हैं. रेलवे अधिकारिओ के अनुसार, फरीदाबाद सेक्शन में तुगलकाबाद जंक्शन से बल्लभगढ़ तक काफी कॉलोनियां बसी हुयी हैं जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं- इंदिरा नगर, रामनगर कृष्णा कॉलोनी, संजय कॉलोनी, संतनगर, एससी नगर आदि. इनमे करीब 12500 से अधिक की आबादी रहती है.

रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए रेलवे जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ मिलकर काम करेगा. वही फरीदाबाद के डीसी यशपाल यादव के अनुसार, उन्हें अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आर्डर की कॉपी नहीं मिली है. अतः आर्डर मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अब सवाल यह है की जो ये रेलवे ट्रैक के किनारे जो झुग्गियों में लोग रहते हैं अब वो क्या करेंगे, मकान टूट गए तो हजारो की संख्या की आबादी का क्या होगा. क्या जिला प्रशासन द्वारा इनके लिए कोई कदम उठाया जायेगा.

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