हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने छोड़ा पद, बोले- मेरे खिलाफ हुई है साजिश; निष्पक्ष जांच की मांग

चंडीगढ़ | हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर छेड़छाड़ के आरोप का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस ने हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. जूनियर महिला कोच ने पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. अब संदीप सिंह ने मंत्री पद छोड़ दिया है. उन्होंने आरोपों को झूठा करार दिया है. चंडीगढ़ पुलिस ने जूनियर महिला कोच की शिकायत के आधार पर संदीप सिंह के खिलाफ सेक्टर 26 में आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354बी, 342, 506 के तहत मामला दर्ज किया है. चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. संदीप सिंह इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं.

sandeep singh

आरोपों पर खेल मंत्री की प्रतिक्रिया

संदीप सिंह ने कहा कि बिना किसी आधार के प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मुझे बहुत दुख होता है कि एक खिलाड़ी होने के नाते जो दूसरों की मदद करता है बदले में ऐसे आरोप लगाए जाते हैं जिनका कोई आधार नहीं होता. हरियाणा के खिलाड़ी हर खेल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें हरियाणा सबसे आगे है. जब से मैंने हरियाणा में खेल मंत्री का पद संभाला है. हरियाणा दिन- प्रतिदिन बेहतर कर रहा है. इस मामले में मैं कहना चाहूंगा कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

संदीप सिंह ने निष्पक्ष जांच की मांग की

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने आगे कहा कि मैं निष्पक्ष जांच चाहता हूं क्योंकि मेरी छवि खराब की गई है. मैंने बहुत कम उम्र में ओलंपिक खेला था. बहुत कम उम्र में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान भी बना. बहुत कम उम्र में मैंने कई रिकॉर्ड बनाए. राजनीति में मैं कम उम्र में विधायक बना और बाद में मंत्री बना.

चंडीगढ़ पुलिस से शिकायत में कही ये बात

जूनियर महिला कोच ने हरियाणा पुलिस के साथ ही चंडीगढ़ पुलिस को भी लिखित शिकायत दी है, जिसमें कोच ने छेड़छाड़ की घटना की तारीख एक जुलाई 2022 बताई है. उन्होंने मंत्री आवास के बाहर सुखना लेक तक लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की भी मांग की है. महिला कोच ने यह भी आरोप लगाया कि नौकरी मिलने से पहले खेल मंत्री ने पहले उसे दोस्त बनाने के लिए कहा और बाद में अपनी प्रेमिका बनने की पेशकश की.

हरियाणा सरकार ने बनाई विशेष जांच टीम

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच का आरोप लगने के बाद डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया है, जिसमें एचपीएस राजकुमार कौशिक के साथ आईपीएस ममता सिंह और समर प्रताप सिंह को शामिल किया गया है. एसआईटी का नेतृत्व ममता सिंह कर रही हैं. डीजीपी ने इस मामले की पूरी जांच की जल्द रिपोर्ट मांगी थी.

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