अब सितंबर तक मिलेगा “गरीब कल्याण अन्न योजना” का लाभ, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी जानकारी

नई दिल्ली । बढ़ती महंगाई के बीच सरकार शनिवार को गरीबों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने अब इस साल सितंबर तक 80 करोड़ आबादी को मुफ्त राशन देने का फैसला किया है. कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद मोदी सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए अप्रैल 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का उद्देश्य महामारी के दौरान गरीबों के लिए भोजन सुनिश्चित करना था.

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सरकार पर 80 हजार करोड़ का बढ़ेगा बोझ

इस साल अप्रैल से सितंबर तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने से सरकार पर 80 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इस साल अप्रैल 2020 से मार्च तक सरकार ने 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस तरह इस साल सितंबर तक खाद्य सुरक्षा से जुड़ी दुनिया की सबसे बड़ी योजना पर सरकार 3.40 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज दिया जाता है. गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभार्थी को उसके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है.

लोगों मिल रहा दोगुना राशन

इस योजना के तहत प्रति परिवार को लगभग दोगुना राशन मिल रहा है.इस साल मार्च तक 759 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है.अप्रैल से सितंबर तक मुफ्त राशन वितरण के लिए अन्य 244 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया गया है. खास बात यह है कि वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने में इस योजना का लाभ उठा सकता है.

पीएम ने कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- ‘भारत की ताकत देश के हर नागरिक की ताकत में है. इस शक्ति को और मजबूत करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने और जारी रखने का फैसला किया है। इसका फायदा देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोग पहले की तरह उठा सकेंगे.

इसलिए बढाई योजना की सीमा

उस समय यह योजना सीमित अवधि के लिए शुरू की गई थी, लेकिन जरूरत के कारण इसकी समय सीमा बढ़ती रही. मुफ्त राशन योजना की अवधि इस साल 31 मार्च को खत्म हो रही थी. माना जा रहा है कि यूक्रेन संकट के कारण बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने गरीबों से जुड़ी खाद्य योजना को जारी रखने का फैसला किया है, ताकि उन्हें खाद्यान्न खरीदने का आर्थिक बोझ न उठाना पड़े.

यूपी सरकार ने सुबह लिया ये फैसला

इससे पहले, उत्तर प्रदेश में अपने दूसरे कार्यकाल में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुफ्त राशन योजना को और तीन महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया. शनिवार को सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. यह योजना COVID-19 महामारी के दौरान शुरू की गई थी. उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने का प्रावधान है.यूपी में मुफ्त राशन योजना के तहत लोगों को दाल, नमक, चीनी के साथ अनाज दिया जाएगा.

ऐसे हुई योजना की शुरुआत

लॉकडाउन लागू होने के बाद मार्च 2020 में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना का उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न तनाव को कम करना है.प्रारंभ में, यह योजना अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए शुरू की गई थी.लेकिन फिर इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था.

योजना का लाभ किसे ओर कब मिलता है

अब सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत किसे और कितना लाभ मिलता है. तो आपको बता दें कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत भारत के लगभग 80 करोड़ राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति सदस्य 5 किलो अधिक अनाज (गेहूं-चावल) दिया जाता है.बता दें कि जिस देश के नागरिक के पास राशन कार्ड उपलब्ध है, उसे इस योजना के तहत हर महीने अपने कोटे के राशन के साथ 5 किलो अतिरिक्त राशन मिल रहा है.

इस योजना के तहत मुफ्त अनाज उसी राशन की दुकान पर मिलेगा जहां से राशन कार्ड पर उपलब्ध है.ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न का लाभ उन लोगों को नहीं मिलेगा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. यह योजना राशन कार्ड धारकों तक ही सीमित है, यानी कि बिना राशन कार्ड के आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा

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