रेवाड़ी में तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में बड़ा गोलमाल, पंचायती फंड में हेरफेर का आरोप

रेवाड़ी | हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव लोधाना के पूर्व सरपंच और दो ग्राम सचिवों सहित कई लोगों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया है. इन लोगों पर विकास के नाम पर फर्जी बिल बनाकर पंचायती निधि में लाखों रुपये का गबन करने का आरोप है. तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में मिलीभगत की शिकायतों पर प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई लंबित है. कई शिकायतों पर जांच का काम भी पूरा कर लिया गया है. नए साल में ऐसे कई मामले दर्ज होने की पूरी संभावना है. नई पंचायतों के गठन के बाद लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण की कवायद शुरू कर दी गई है.

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जांच के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया होगी तेज

बता दें कि लंबे इंतजार के बाद पंचायतों के गठन के बाद पिछले कार्यकाल में किए गए गोलमाल पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. अभी जिले के तीन दर्जन से अधिक पंचायतों में पूर्व में हुए घोटालों की जांच के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया तेज होने जा रही है. इसके साथ ही, नई पंचायतों के गठन के बाद पुरानी पंचायतों में विकास के नाम पर हुए घोटालों की जांच के लिए शिकायतों का दौर भी शुरू होने जा रहा है. आलम यह है कि कई ग्राम सचिव और पूर्व सरपंच नए सरपंचों को रिकॉर्ड सौंपने से कतरा रहे है.

फर्जी बिल तैयार कर पंचायती फंड का हुआ दुरूपयोग

पिछले कार्यकाल में कई पंचायतों में विकास के नाम पर भारी उठापटक हुई है. खासकर समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण ग्राम पंचायतों को मिले अतिरिक्त समय में कुछ ग्राम सचिवों ने तत्कालीन सरपंचों की मिलीभगत से फर्जी बिल तैयार कर पंचायती निधि का दुरूपयोग किया है. सबसे बड़ा घोटाला सोलर लाइट के लिए पाइप और पेयजल लाइन की खरीद में हुआ है.

लंबे समय से बीडीपीओ से लेकर डीडीपीओ कार्यालयों में भी शिकायतें पहुंच चुकी हैं. अब इन मामलों को निपटाने की दिशा में तेजी से काम शुरू होने जा रहा है. इसके बाद माना जा रहा है कि गोलमाल करने वाले ग्राम सचिवों और सरपंचों पर प्रशासन की कार्रवाई तय है.

रिकार्ड देने में भी झिझक

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछले साल फरवरी माह में ही पंचायती राज संस्थाओं के रिकार्ड बीडीपीओ कार्यालयों में जमा करने के आदेश जारी कर दिए गए थे. रिकॉर्ड भी कागजों में जमा था लेकिन हकीकत में यह रिकॉर्ड पूर्व सरपंचों के कैबिनेट में ही रखा हुआ था. अलमारी की चाबियां संबंधित ग्राम सचिवों के पास थी. अब कई गांवों के पूर्व सरपंच और ग्राम सचिव नए सरपंचों को रिकॉर्ड सौंपने से कतरा रहे हैं.

बिल रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे

नए सरपंचों को रिकॉर्ड सौंपने में देरी की बड़ी वजह यह है कि कई पंचायतों में पारित विकास कार्यों के बिल वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खा रहे हैं. जिन कामों के बिल रिकॉर्ड में दिखाए जाते हैं उनमें से कई काम धरातल पर नहीं किए गए. कई ग्राम पंचायतों में फर्जी बिलों की हकीकत उजागर होने की आशंका जताई जा रही है, जिससे माना जा रहा है कि पूर्व सरपंचों व ग्राम सचिवों पर दोष मढ़ा जाएगा.

दो ग्राम सचिव होंगे निलंबित

लोधाना में पंचायती फंड की हेराफेरी को लेकर दर्ज मामले में दो ग्राम सचिव अजय व संजय का नाम भी शामिल है. फर्जी बिल पास कराने में इन दोनों की भूमिका मानी जा रही है. प्राथमिकी में दोनों का नाम आने के बाद पंचायत विभाग द्वारा जल्द ही उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जायेगी. लोधाना पंचायत प्रकरण के बाद से कई ऐसे पूर्व सरपंचों और ग्राम सचिवों में खलबली मची हुई है, जिन्होंने घोटालों को अंजाम दिया है.

भ्रष्टाचार करने वालों की खैर नहीं

एचपी बसंल (डीडीपीओ) ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पूरी तरह सख्त है. पंचायती फंड का दुरूपयोग करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा जिन दो ग्राम सचिवों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी. लंबित मामलों का भी जल्द निपटारा होगा.

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