दिल्ली- अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर में कम होंगे 4 स्टेशन, बदलेगा रूट; फटाफट देखे स्टेशन की लिस्ट

नई दिल्ली | रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम के दिल्ली- अलवर कॉरिडोर (Delhi- Alwar Corridor) का रूट बदला जा सकता है. हालांकि, इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी परिवहन निगम ने नए रूट के जियोटेक्निकल सर्वे के लिए टेंडर जरूर जारी कर दिया है. RRTS ट्रेन की परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटे और औसत गति 100 किमी प्रति घंटे होगी और यह हर 5- 10 मिनट की आवृत्ति पर उपलब्ध होगी.

Rapidx Train

71 किमी का होगा मार्ग

अब इस रूट को पहले चरण में शाहजहाँपुर- नीमराना- बहरोड़ (SNB) की बजाय धारूहेड़ा तक ले जाया जा सकता है. इससे यह ट्रैक 107 किमी की जगह 36 किमी घटकर 71 किमी रह जाएगा. इसके स्टेशन 17 से घटकर 13 हो जाएंगे. दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर के बाद अब दिल्ली- अलवर रूट पर ही नमो भारत ट्रेन चलाने की योजना है.

शहरी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और विनिर्माण का समर्थन करने के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तहत गठित नेटवर्क योजना समूह द्वारा इस गलियारे को पहले ही शॉर्टलिस्ट किया जा चुका है. इसे पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में तैयार किया जाएगा.

नए रूट पर सर्वे के लिए टेंडर जारी

पिछले सप्ताह इस बदलाव के तहत एनसीआरटीसी ने एयरोसिटी से खेड़कीदौला और धारूहेड़ा तक यानी नए रूट के जियोटेक्निकल सर्वे के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है. फरवरी में टेंडर दे दिया जाएगा. टेंडर में यह सर्वे छह महीने में पूरा करने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि नए रूट पर अंतिम बातचीत के साथ ही इसे केंद्र सरकार की मंजूरी भी मिल जाएगी.

धारूहेड़ा में बनेगा डिपो

धारूहेड़ा में नमो भारत का एक बड़ा डिपो भी बनाया जाएगा. इसकी योजना पहले से ही थी. दिल्ली- अलवर ट्रैक के लिए यह डिपो पहले चरण में ही तैयार कर लिया जाएगा.

दूसरी प्राथमिकता पर यह कॉरिडोर

यह चरण एक में निर्मित होने वाले आरआरटीएस के 3 प्राथमिकता वाले गलियारों में से दूसरा है. कॉरिडोर की डीपीआर को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकार ने मंजूरी दे दी है. कॉरिडोर के लिए डिजाइन सलाहकार और सामान्य सलाहकार भी नियुक्त किए गए हैं. मुख्य परियोजना प्रबंधक का कार्यालय गुरूग्राम एवं दिल्ली में स्थापित किया गया है तथा इंजीनियरों की नियुक्ति भी की गयी है.

पहले चरण में होगा ये काम

सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में इसे सराय काले खां से धारूहेड़ा तक ही ले जाने की बात चल रही है. इसमें भी पहले एयरोसिटी से कापसहेड़ा सरहौल होते हुए नेशनल हाईवे तक लाने की योजना थी लेकिन अब एयरोसिटी के बाद भी नेशनल हाईवे पर ही एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा. इस पर एनएचएआई के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. नये रूट पर अधिक यात्री मिलने की संभावना है. ट्रेन का प्रस्तावित रूट कम होने से चार स्टेशन भी कम हो जायेंगे.

मल्टी- मॉडल इंटीग्रेशन की मिलेगी सुविधा

एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस कॉरिडोर पर आरआरटीएस स्टेशन के यात्रियों के लिए मल्टी- मॉडल इंटीग्रेशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी. इसका मतलब है कि सराय काले खां स्टेशन पर मेट्रो रेल, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी के साथ एकीकरण भी शामिल किया जाएगा.

पहले थे 17 स्टेशन

सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़कीदौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी.

अब ये 4 स्टेशन कम हो जाएंगे

एमबीआईआर, बावल, रेवाडी, एसएनबी.

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