देवगुरु बृहस्पति 12 सालों के बाद हुए मेष राशि में वक्री, संभल कर रहे ये जातक; वरना होगा नुकसान

ज्योतिष | 12 साल के बाद देवताओं के गुरु मेष राशि में वक्री हो गए हैं. बता दें कि 4 सितंबर की शाम 4:58 मिनट पर बृहस्पति यानी कि गुरु ग्रह ने मेष राशि में प्रवेश कर लिया है. गुरु के वक्री होने की वजह से कुछ राशि के जातकों की किस्मत बदलने वाली है. इसके विपरीत, कुछ राशि के जातकों को काफी संभाल कर चलने की आवश्यकता है. आज की इस खबर में हम आपको उन्ही 3 राशियों के बारे में जानकारी देने वाले हैं. जब भी कोई बड़ा ग्रह राशि परिवर्तन (Rashi Parivartan) करता है तो इसका प्रभाव अन्य सभी राशि के जातकों पर दिखाई देता है.

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इन राशियों के जातक रखें अपना विशेष ध्यान

मेष राशि: देवगुरु बृहस्पति पहले भाव में वक्री हुए हैं और उनकी दृष्टि पांचवें, सातवें और नोवे भाव में पड रही है. ऐसे में इस राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. किसी भी महत्वपूर्ण फैसले को लेने से पहले अच्छी प्रकार से सोच विचार अवश्य कर ले, अन्यथा बेवजह के खर्चे से परेशान हो सकते हैं.

वृषभ राशि: देवगुरु बृहस्पति 12वें भाव में वक्री हो रहे हैं. ऐसे में इस राशि के जातकों को पारिवारिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आपको थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता है. खासकर महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है.

सिंह राशि: इस राशि में गुरु यानि बृहस्पति नवे भाव में वक्री हो चुके हैं, ऐसे में इस राशि के जातकों को भाग्य का भरपूर सहयोग नहीं मिलेगा. बेवजह खर्च से भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. करियर में भी उतार- चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं इसीलिए आपको थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें.

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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